फेसबुक ने कंपनियों के साथ किया है डेटा शेयर: रिपोर्ट
अदालत के दस्तावेजों और अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फेसबुक ने कुछ कंपनियों को यूजर डेटा में सेंधमारी करने का लाभ प्रदान किया, जबकि दूसरे को इससे अलग रखा.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के जरिए डेटा शेयर करने का फिर एक नया मामला सामने आया है. अमेरिकी अखबार 'वाल स्ट्रीट जर्नल' की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक ने कुछ कंपनियों के साथ डेटा शेयर करने का विशेष करार किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनी ने इस करार के जरिए कंपनियों को यूजर के रिकॉर्ड तलाशने का खास फायदा पहुंचाया है. अदालत के दस्तावेजों और अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फेसबुक ने कुछ कंपनियों को यूजर डेटा में सेंधमारी करने का लाभ प्रदान किया, जबकि दूसरे को इससे अलग रखा.
शुक्रवार को प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है, "फेसबुक ने डेटा शेयर करने का विशेष करार किया है, जिसके तहत चुनिंदा कंपनियों को यूजर के रिकॉर्ड में खास तौर से सेंधमारी करने की यह सुविधा 2015 में ही दी गई थी, जब सोशल मीडिया कंपनी ने सूचनाओं की सुरक्षा करने का दावा किया था."
डेटा शेयर के इस तरीके को व्हाइटलिस्ट कहा जाता है
डेटा शेयर करने की इस व्यवस्था को 'व्हाइटलिस्ट' के रूप में जाना जाता है, जिसमें कुछ कंपनियों को यूजर के फेसबुक फ्रेंड्स की अतिरिक्त जानकारी हासिल करने की अनुमति दी गई. कनाडा की रॉयल ब्लैंक और जापानी बहुराष्ट्रीय कंपनी निसान मोटर जैसी कंपनियों ने कथित तौर पर फेसबुक के साथ इस प्रकार के करार किए थे.
फेसबुक के उत्पाद साझेदारी मामलों के उपाध्यक्ष एमी आर्चिबोंग ने वाल स्ट्रीट को बताया है कि फेसबुक ने कुछ कंपनियों को अल्पकाल के लिए यूजर डेटा मुहैया कराए थे, लेकिन इसे अब बंद कर दिया गया है.
इससे पहले भी लग चुका है फेसबुक पर आरोप
इससे पहले फेसबुक के यूजर की निजता के मामले में गड़बड़ी के एक अन्य मामले में फेसबुक ने गुरुवार को स्वीकार किया कि 18 मई से 27 मई तक एक बग (सॉफ्टवेयर संबंधी त्रुटि)के कारण 1.4 करोड़ यूजर प्रभावित हुए हैं. बग के कारण यूजर को उस समय अपने आप एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें पोस्ट को सार्वजनिक करने का सुझाव दिया गया था, जबकि वे सिर्फ मित्रों के लिए पोस्ट कर रहे थे.
फेसबुक की इस भूल के कारण उसके यूजर के पोस्ट को फेसबुक पर लॉग ऑन हुए बिना भी कोई देख सकता था. हालांकि इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं है कि किस देश के लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. फेसबुक के मुख्य निजता अधिकारी एरिन एगन के अनुसार, फेसबुक डेपलपर जब यूजर की फोटो जैसे प्रोफाइल में दर्शाए गए मदों को शेयर करने के फीचर नए तरीके से विकसित कर रहे थे तभी यह भूल हो गई.
उन्होंने कहा, "दरअअसल ये फीचर आइटम सार्वजनिक हैं, इसलिए सभी नए पोस्ट सार्वजनिक हो जाएंगे."
एगन ने गुरुवार को ब्लॉगपोस्ट में कहा, "समस्या दूर हो चुकी है और प्रभावित लोगों के लिए हमने दर्शक पहले जो देख रहे थे, उनको वापस बदल दिया था."
इस बात का खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट से हुआ, जिसमें यह बताया गया है कि किस तरह सोशल नेटवर्क का उपयोग कर चीन के स्मार्टफोन कारोबारी समेत 60 डिवाइस निर्माता यूजर और उनके मित्रों की निजी जानकारी ले रहे हैं.
फेसबुक ने चीन की कंपनी हुआवेई समेत तीन अन्य स्मार्टफोन निर्माता लेनोवो, ओपो और टीसीएल के साथ अपने यूजर डेटा शेयर करने की बात स्वीकार की है.
गौरतलब है कि कैंब्रिज एनालिटिका डेटा सेंधमारी घोटाले के सार्वजनिक होने के बाद से फेसबुक लाखों यूजर डेटा के दुरुपयोग को लेकर गहन जांच के घेरे में है.
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